मनकबत / हुसैन आऐ हैं
नसीब मेरा जगाने हुसैन आए हैं
कि राहे खुल्द दिखाने हुसैन आए हैं
है कोन दहेर में ग़द्दार मेरे नाना का
हुसैनियों को बताने हुसैन आए है
भटक सकेगा वोह ज़ुलमत कदाह में अब कैसे
शमआ ईमाँ का जलाने हुसैन आए है
बहा के खूने जिगर करबला में असग़र का
जहान भर को जिलाने हुसैन आए है
ये बोल उठेंगे अहमद बरोजे़ महशर सब
हमारी प्यास बुझाने हुसैन आए है
منقبت / حسین آئے ہیں
मो० उस्मान आशिकी़
RASULPANAH GOLA LAKHIMPUR KHERI UP INDIA
Mangal / 9 August / 2022
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