لب پہ صلِّ علیٰ کے ترانے اشک آنکھوں میں آئیے ہوئے ہیں
लब पे सल्ले अला के तराने अश्क आंखों में आये हुये हैं
लब पे सल्ले अला के तराने अश्क आंखों में आये हुये हैं
ये हवा ये फिज़ा कह रही हैं मेरे सरकार आये हुये है
जिन की खातिर ये आलम बनाया पास में जिन को रब ने बुलाया
ऐ हलीमा ये तेरा मुक़द्दर वोह तेरे घर में आये हुये है
झुक रहा है फलक भी ज़मीं भी ऐसी चोखट न देखी कहीं भी
जिस जगह जिब्रईले अमीं भी अपनी गर्दन झुकाये हुये हैं
नाम नबियों के बेशक बड़े हैं अज़मतों के नगीने जडे है
मुक़तदी बनके पीछे खडे है वोह जो पहले से आये हुये है
खज पूरी हुयी दिल की हसरत कियुँ न जी भर के करलूँ ज़ियारत
क़ब्र में ऐ फरिश्तों न आना मेरे सरकार आये हुये है
हम हैं दीवान ए ग़ौसे आज़म हम हैं शैदा ए मखदूमे ख्वाजा
आला हज़रत से निस्बत है हमको दिल में कलियर बसाए हुये है
Pesh kardah :
USMAN AASHIQUI
address :
RASULPANAH LAKHIMPUR KHERI UP INDIA
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Rabiulawwal