ऐसा सिला दिया
नाना के लाड़ प्यार का ऐसा सिला दिया
गर्दन कटा के दीन का रुतबा बड़ा दिया
कियूँ आक़िबत का तुझको न आया ज़रा खयाल
क्या सोच कर हुसैन पे ख़न्जर चला दिया
दे कर लहू का ऐक एक क़तरा हुसैन ने
करबो बला के ज़र्रों को तारा बना दिया
प्यारे नबी के दीन पे जे़नब ने क़ीमती
अपना अज़ीज़ जान वोह हीरा लुटा दिया
अहेमद सलाम करता है अपने हुसैन को
दीने नबी के वासते सब कुछ लुटा दिया
ऐसा सिला दिया
मो० उस्मान आशिकी़
RASOOL PANAH GOLA LAKHIMPUR KHERI UP INDIA
SUNDAY / 7 / AUGUST / 2022
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