शादी का सेहरा
सारे अहबाब की नज़रों में समाया सेहरा
या खुदा इतना हसी किसने ये बनाया सेहरा
एक एक फूल से आती है मदीने की महेक
ऐसा लगता है कि फिरदोस से आया सेहरा
ऐसा महसूस हूआ चाँद निकल आया है
अपने चहेरे से नोशा ने जो हटाया सेहरा
ताजे सर बनता है ये आका़ के दिवानो का
फज़ले मौला से बडा मर्तबा पाया सेहरा
आज माँ बाप बहेन भाई ने नौशा तेरे
अपने अरमानो का माथे पे सजाया सेहरा
गौसो खुवाजा व रज़ा का ये करम है अहमद
सब दिवानो के दिलों को जो लुभाया सेहरा
شادی کا سہرا
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مکمل سہرا |
आप की दुआओं का मुंतज़िर
मो० उस्मान आशिकी़
Lakhimpur kheri Uttar pardesh India
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Sehra-Shadi