New naat sharif ] क़बर से होती हुयी खुल्द की कियारी निकले | قبر سے ہوتی ہوئی خلد کی کیاری نکلے /new naat 2022 mot pe kalam naat, mot ka kalal naat

                    नात शरीफ

क़बर से होती हुयी खुल्द की कियारी निकले
शहरे तैबा में अगर रूह हमारी निकले

आए मैदान में जब ग़ैरते ईमान के साथ
तीन सो तेरह हजा़रों पे भी भारी निकले

जाके पैदल में अगर देखूँ नबी का रोजा़
एक पल में ही थकन सारी की सारी निकले

कोयी नज़रें न उठाए सरे महशर उस दम
जिस घडी़ फातिमा ज़हेरा की सवारी निकले

इस तरह निकले मेरी जान मदीने में हसन
जैसे महलों से कोयी राज कुमारी निकले


                  نعت شریف

مکمل نعت

आपकी दुआओं का मुंतज़िर 
मो० उस्मान आशिकी़
 Lakhimpur kheri Uttar pardesh india
Usman khan

Im usman khan from lakimpur kheri up india

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