Manqabat Shane Tajussharia] ज़माना कर रहा है तजकिरा ताजूश्शरीआ का | Zmana Kar Raha He Tazkira Tajussharia ka | زمانہ کر رہا ہے تذکرہ تاج الشریعہ کا

       मनकबत दर शाने  ताजूश्शरीआ        


ज़माना कर रहा है तज़किरा ताजूश्शरीआ का
बयाँ कैसे करूँ में मर्तबा ताजूश्शरीआ का

वोह ताबिन्दह, दरखशिन्दह बडी बरकत का हामिल है
बरैली में जो है रौजा़ बना ताजूश्शरीआ का

रसूले पाक के सदके में झन्डा अज़मतों का अब
बुलन्दी के फलक को छूगया ताजूश्शरीआ का

बुलन्दी देख कर उनकी जहाँ हैरत में है हर दम
जिसे देखो वो है मिदहत सरा ताजूश्शरीआ का 

अकी़दत है मोहब्बत है यही अब बस हक़ीक़त है
रहूँ शौदा सदा में झूमता ताजूश्शरीआ का 

इलाही बख्शदे अब तू मेरे सारे गुनाहों को
में तुझको दे रहा हूँ वासता ताजूश्शरीआ का

गया जन्नत की जानिब बिलयकी़ खुश बख्त वोह बन्दह
मुकद्दर से जिसे दामन मिला ताजूश्शरीआ का 

बफज़ले रब ताआला देखिए क़िस्मत ज़रा मेरी
क़सीदह लिख के मेने पढ़ लिया ताजूश्शरीआ का

जो तेरे सामने नजदी, वहाबी, सुलहे कुल्ली, हों
तो तू एक ज़ोर से नारह लगा ताजूश्शरीआ का

तरब चलते रहो इस पर रहो क़ायम इसी पर बस
है जो ये मसलके अहमद रज़ा ताजूश्शरीआ का


       मनकबत दर शाने  ताजूश्शरीआ        




Usman khan

Im usman khan from lakimpur kheri up india

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